जुदाई
(सदमा सहचारिणी का) यूँ जुदाई से मिलेंगे, ये कभी सोचा न था दर्द के तूफाँ चलेंगे, ये कभी सोचा न
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आँसू फूल बने
यादों में आँसू फूल बने पर तुम क्यों धूल बने? दोस्ती है नदिया, इक तट हम तुम दूजे कूल बने
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चाहे कहो लल्ला या चाहे रामलल्ला
चाहे कहो अल्ला या चाहे रामलल्ला काहेको शोरशराबा, क्यूँकर हल्लागुल्ला ? मंदिर था मस्जद थी, झगड़ा क्यों भाई ? खत्म
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